Sunday, October 6, 2019

ब्राह्मणवाद का खेल

राष्ट्रीय मानव सहाय का मुख्य उद्देश्य मानवता को स्थापित करना आपस मे सभी लोग अपना मतभेद भूलकर भाईचारे से रहे और एक दूसरे को मदद करे तभी समाज का कल्याण होगा अन्य था हम लोग एक दूसरे को गलत साबित करने में और एक दूसरे को नीच उच्च करने में हम लोग अपने बच्चे के भविष्य से खेलवाड़ कर रहे हैं अक्सर हमारे समाज इतना मानसिक गुलाम हो चुका है कि उन्हें लगता है शिक्षा से नही मंदिर में  पूजा करने आगे बढ़ेंगे ब्राह्मण लोगो ने कैसे गुलाम बनाया आप लोगो को समझने की जरूरत है ये ब्राह्मण वाद कितना खतरनाक है आप लोग सोच भी नही सकते इनका कोई धर्म नही होता ये लोग दिखावटी के लिये पूजा में परे हैै ताकि लोअर कास्ट इसमें अपना जीवन ब्यस्त करे और अपने आने वाले बचे को शिक्षा नही बल्कि मंदिर में पूजा पाठ करे आप लोग को मालूम होना चाहिये आप लोग जितने भी पर्व मनाते हैं आप ही के पूर्वजो को मारा गया है तो उनको तो खुशी होगा ही क्यों कि ये लोग विदेशी आक्रमणकारी है और आप लोग को ये लोग गुलाम बनाये हैं अपने दिमाग से आप लोग सोचियेगा कैसे तो मैं बताता हूं जिस प्रकार गांव हर जाति का काम अलग-अलग होता है जैसे किसानों का काम खेती करना उसी प्रकार ब्राह्मणों ने अपने कर्म कांड के बलपर आपके दिमाग के ऊपर खेती किया गया है ये सिलसिला हजारो सालो से चले आ रहा है इस लिये हम कर्म कांड को छोरने में सोचते हैं की हमारे पूर्वजो से चले आ रहा है उसे कैसे छोरे एक बात याद रखिये आप शिक्षित हो जाइये समझ मे आने लगेगा एक बात और समझने के लिये मैन लीजिए चन्द्रग्रहण लगता है तो हम सुने हैं भगवान के ऊपर खतरा आता है और सुबह होते ही ब्राह्मण घर -घर घूमता है और 100 घर ने दिया कुछ न कुछ तो उसको भगवान के ऊपर ग्रह से भी लाभ और खुशी से भी लाभ और आप लोग अपने बचे का भविष्य भगवान के भरोसे छोर देते है और उसका परिणाम ये होता है कि हमारा बच्चा शिक्षा से दूर हो जाता है और उसका जीवन कमाने में कर्मकांड में ही सिमट कर रह जाती है गांव में एक बार हम अपने ही समाज से कुछ लड़के को बोले कि देखो हम लोगो को मृत्यु भोज अब नही करना चाहिये इससे हम लोग का नुकसान हो रहा है उदाहरण भी दिये बहुत समझाया लेकिन कुछ लड़के बोले बात तो सही है लेकिन कुछ मूर्खो ने बोला ऐसा होगा तो गांव से निकाल देंगे समाज से छाट देंगे हमे दुख हुआ लेकिन जब हम जानते हैं कि मैं जो कर रहा हु ओ सही है तो किशी का क्यों बात माने भले हम अकेले चलेंगे लेकिन मानव के हित मे चलेंगे मानवता को आगे ले जाएंगे हमारे देश मे करोड़ो लोग इस पर काम कर रहे है सब धन्यवाद हम गौतम बुद्ध और बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर को आदर्श मानते हैं जिनको लोग विश्व मे जनता है  सोचे हमारे कितने महापुरुषों ने इन्ही मूर्खो की वजह से शाहिद हो गए लेकिन उन्ही के ये लोग राक्षस मान बैठे हैं लेकिन समाज को बदलना होगा शिक्षा को अपने हाथ मे लेना होगा अपने इतिहास को पढ़ाना होगा शिक्षक भी अपना और छात्र भी अपना तब समाज विकास करेगा क्यों कि समाज मे ब्राह्मण समाज हम लोगो को दुश्मन मानता है सूद्र में जो भी आते हैं हम भारतीय सूद्र एकता के नाम से कार्य करना चाहिये ताकि लोगो को मालूम चले सूद्र सब्द यूज किसके लिये होता है उसी का दूसरा उपनाम बदलर हिन्दू कर दिया गया है ये हम किशी भी धर्म को नही जानते है हम इंसान हैं और भारतीय है

आप लोग अपना राय दीजिये ताकि फिर कुछ समाज हित मे लिखा
राष्ट्रीय मानव सहायता का नारा है
जय मानव जय मानव